रोटी पर सब्जी रख कर खाना कैसा है जानिए इस्लामी आदाब

रोटी पर सालन या सब्जी रखकर खाना क्या जाइज़ है क्या नमक की डिबिया सीधे रोटी पर रख सकते हैं फतावे आलमगीरी और बहारे शरीयत की रोशनी में जानें।

अल्लाह तआला ने इंसान को बेशुमार नेमतों से नवाजा है जिन में से एक अज़ीम नेमत रोटी भी है। यह हमारी बुनियादी खुराक है और हमारे खाने का अहम हिस्सा। आज हम बात करेंगे रोटी पर सब्जी या सालन रख कर खाने के इस्लामी नुक्त ए नज़र और इस से मुताल्लिक आदाब की जिन का ताल्लुक हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी के एक अहम पहलू से है।

रोटी पर सालन रखना जाइज़ लेकिन एहतियात के साथ

हमारे यहाँ आम तौर पर यह भी देखा जाता है कि कहीं कहीं या कभी कभार ऐसा भी होता है के रोटी पर सालन रखकर खा लेते हैं। शरई एतबार से यह अमल बिल्कुल जाइज़ है और इसमें कोई हरज नहीं। यह हमारे खाने का एक फितरी और आसान तरीका है, जिसे हम सदियों से अपनाते चले आ रहे हैं।

वो गलती जो हम में से अक्सर कर बैठते हैं

लेकिन कुछ लोगों से एक गलती उस वक्त सरज़द हो जाती है जब वो सालन के बर्तन चटनी की प्याली या नमक की डिबिया वगैरह बराहे रास्त रोटी पर रख देते हैं। यह तरीका दुरुस्त नहीं है बल्कि बेहतर अदब यह है कि रोटी को इस तरह इस्तेमाल न किया जाए। हमारी मज़हबी रिवायत में रोटी की तअज़ीम और एहतिराम को बहुत अहमियत दी गई है क्योंकि यह अल्लाह की अता की हुई एक नेमत है।

क्या नमक को रोटी पर रखा जा सकता है

अब सवाल पैदा होता है कि अगर नमक को रोटी पर नहीं रखना चाहिए तो फिर क्या किया जाए? इस का जवाब यह है कि अगर नमक कागज़ या किसी साफ चीज़ में लिपटा हुआ हो तो उसे रोटी पर रखने की गुंजाइश मौजूद है। इसी तरह सब्ज़ी को तो रोटी पर रखा जा सकता है लेकिन बराहे रास्त बर्तन या डिबिया रखने से परहेज़ करना चाहिए।

फिकही नुक्त ए नज़र फतावे आलमगीरी और बहारे शरीयत की रोशनी में

हमारे फिकही ज़खीरे में इस बात की वाज़ेह तस्दीक मौजूद है। फतावे आलमगीरी में है।

वा यजूज़ु वज़'उ काग़दिन फीहा मिलहुन अलल खुब्जि व वज़'उल बुकूलि अलैहि।

यानी वह कागज़ जिस में नमक हो उसे रोटी पर रखना जाइज़ है इसी तरह सब्जी को रोटी पर रखना जाइज़ है।

इसी तरह बहारे शरीयत में सराहत के साथ लिखा है

रोटी पर कोई चीज़ न रखी जाए बाज़ लोग सालन का प्याला या चटनी की प्याली या नमक दानी रख देते हैं ऐसा न करना चाहिए नमक अगर कागज़ में है तो उसे रोटी पर रख सकते हैं।

अमली मशवरे खाने के बेहतर आदाब

हमें चाहिए कि खाने के इन इस्लामी आदाब को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं

रोटी को अल्लाह की नेमत समझ कर इस का एहतिराम करें

बराहे रास्त बर्तन या डिबिया रोटी पर न रखें

सालन या सब्जी रोटी पर रख कर खा सकते हैं

नमक को कागज़ में लपेट कर ही रोटी पर रखें

आखिर में पैगाम

आइए हम अपने खाने-पीने के मामूलात में इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें ताकि हमारा हर अमल अल्लाह तआला की रज़ा के मुताबिक हो। रोटी जैसी नेमत की नाशुक्री से बचें और इसे ज़ाया होने से बचाएँ। अल्लाह तआला हमें नेमतों की कदर करने और उन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करने की तौफीक अता फरमाए।

अल्लाह हम सब को नेमतों की कदर करने और शुक्र अदा करने की तौफीक अता फरमाए। आमीन!

About the author

JawazBook
JawazBook एक सुन्नी इस्लामी ब्लॉग है, जहाँ हम हिंदी भाषा में कुरआन, हदीस, और सुन्नत की रौशनी में तैयार किए गए मज़ामीन पेश करते हैं। यहाँ आपको मिलेंगे मुस्तनद और बेहतरीन इस्लामी मज़ामीन।

एक टिप्पणी भेजें

please do not enter any spam link in the comment box.