qtESQxAhs26FSwGBuHHczRGOCdrb3Uf78NjGuILK
Bookmark

islami bhai chara: कुरान हदीस और सुनहरी वाकिआत की रौशनी में

भाई चारा कुरान और हदीस की रौशनी में 

इस्लाम एक ऐसा दीन है जो इंसानियत, मुहब्बत और भाईचारे की तालीम देता है। इस्लाम ने तमाम मुसलमानों को एक दूसरे का भाई करार दिया है और रंग नस्ल काले गोरे अरबी अजमी के इख्तिलाफ को मिटाकर सभी को बराबरी का पैगाम दिया है। कुरआन और हदीस में भाईचारे की अहमियत को वाज़ेह तौर पर ब्यान किया गया है। आज के दौर में जब दुनिया तफ़रक़ा और नफरत की आग में जल रही ही, इस्लाम का यह पैगाम और भी ज़्यादा अहम हो जाता है।

कुरान की रौशनी में भाईचारा 

कुरान ए पाक में मोमिनो को आपस में भाई करार दिया गया है और आपस में भाईचारा कायम रखने की ताकीद की गई है। अल्लाह तआला कुरान में इरशाद फरमाता है:
"इन्नमल मुमिनूना इख्वतुन फअस्लिहू बैना अखावयकुम वत्ताकुल्लाह लअल्लकुम तुरहमून" (सूरह हुजरात)
तर्जमा: मोमिन तो आपस में भाई भाई हैं, तो अपने भाइयों के दरमियान सुलहकराओ और अल्लाह से डरो ताकेतुम पर रहमत की जाए।
इस आयत में मोमिनों को आपस में भाई करार दिया गया है और झगड़े फसाद से बचने और मेल जोल बढ़ाने की ताकीद की गई है। इस्लाम किसी भी तरह के तफर्के, नफरत और बगावत को ना पसंद करता है और मुसलमानों को प्यार, इत्तेहाद और मुहब्बत के साथ रहने का हुक्मदेता है।

हदीस की रौशनी में भाईचारा 

1. मुसलमान आपस में एक जिस्म की तरह हैं:
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया : मोमिनों की मिसाल एक दूसरे केसाथ (मुहब्बत करने, रहम करने और आपस में मेहरबानी करने में) एक जिस्म की तरह हैं। जब जिस्म के किसी एक हिस्से को तकलीफ होती है, तो पूरा जिस्म तकलीफ महसूस करता है। (सही मुस्लिम)
इस हदीस से पता चला मालूम हुआ के, मुसलमानों को एक दूसरे की तकलीफ और मुश्किलों में शरीक होना चाहिए। अगर किसी भाई को कोई परेशानी हो तो दूसरा भाई उसकी मदद करे, न के एक दूसरे से बे परवाह रहे।
2. एक मुस्लमान दूसरे का भाई है 
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: मुसलमान, मुस्लमान का भाई है, न तो वोह उसपर ज़ुल्म करता है और न ही उसे किसी के हवाले करता है। (सही बुखारी)

हदीस ए कुदसी 

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया के अल्लाह तआला क़यामत के दिन फरमाएगा। 'कहाँ हैं वोह लोग जो मेरी खातिर एक दूसरे से मुहब्बत करते थे, आज में उन्हें अपने साएमें जगह दूंगा, जिस दिन मेरे साएके अलावा कोई साया न होगा। (सही मुस्लिम) 
सुब्हानअल्लाह: इस हदीस मुबारका से मालूम हुआ के अल्लाह तआला को अपने बन्दों का आपस में भाईचारे और मुहब्बत से रहना कितना पसंद है।

भाईचारे की तामीर में हमारे फ़र्ज़ 

1. आपसी झगड़ों से बचना 
इस्लाम हमें यह तालीम देता है के आपसी झगड़ों और नफरत से बचें, क्यूंकि इससे उम्मत कमज़ोर होती है। हमें चाहिए के आपस में लड़ाई झगड़ा न करें, अगर कभी कोई बहस या झगड़ा हो जाए तो उसे जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करें।
2. हुस्ने अखलाक (अच्छे अखलाक अपनाना)
एक सच्चे मुसलमान को चाहिए के वोह दूसरों के साथ अच्छे अखलाक से पेश आए, उनकी मदद करे और उनकी तकलीफों को दूर करने की कोशिश करे ।
3. नरमी और दरगुज़र से काम लेना:
अगर कोई भाई गलती कर दे तो हमें उसे माफ़ कर देना चाहिए और उसके साथ नरमी से पेश आना चाहिए। अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है: जो माफ़ कर देते हैं और लोगों से दरगुज़र करते हैं, अल्लाह उन्हें पसंद करता है।(सूरह आल ए इमरान) 
4. हक और इन्साफ पर कायम रहना:
हमें हमेशा हक और इन्साफ के साथ रहना चाहिए और किसी पर ज़ुल्म नहीं करना चाहिए। भाईचारे की बुनियाद ही इन्साफ पर कायम होती है।

इस्लामी भाईचारे का एक वाकिया 

इस्लाम के सुनहरे दौर में मुहाजिरीन और अंसार का भाईचारा एक बेहतरीन मिसाल है। जब मुसलमान मक्का से हिजरत करके मदीना पहुंचे तो वहां के अंसार (मदीना के मुसलमानों) ने उन्हें अपने घरों में बसाया, अपनी जायदाद में उन्हें शरीक किया और उनके साथ इस तरह पेश आए जैसे सगे भाई हों। हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रदी अल्लाहु अन्हु को हज़रत साद बिन रबी रदीअल्लाहु अन्हु ने अपनी आधी दौलत तक देने की पेशकाश की, लेकिन हज़रत अब्दुर्रहमान ने इसे लेने के बजाए कारोबार करने को तरजीह दी। इस्लामी भाईचारे की यह मिसाल क़यामत तक के लिए एक सबक है की हमें भी अपने भाइयों के साथ इसी तरह सुलूक करना चाहिए। (बुखारी, मुस्लिम)

नतीजा 

इस्लाम का पैगाम मुहब्बत और भाईचारे का पैगाम है। कुरआन और हदीस में मुसलमानों को आपस में एक दूसरे से मुहब्बत करने, मदद करने और इन्साफ से पेश आने की हिदायत दी गई है। अगर हम इस्लाम की इन तालीमात पर अमल करें तो हमारी समाजी ज़िन्दगी में मुहब्बत और अमन का माहौल कायम होगा और नफरत और तफर्के का खात्मा होगा। हमें चाहिए के हम अपने दिलों में भाईचारे की शमा जलाएं और इस्लाम के इस सुनहरे उसूल और इस्कोलामी तालीमात पर अमल करने की कोशिश की जाये ताके हमारी दुनिया और आखिरत दोनों संवर जाएँ।
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें

please do not enter any spam link in the comment box.