फ़ज़ीलत दरूद शरीफ Darood shareef ki Fazilat

दरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत और बरकात जानें हदीस की रोशनी में दुरूद शरीफ़ पढ़ने से मिलने वाला सवाब गुनाहों की माफी और दुनिया आख़िरत के ग़मों से निजात

दीन ए इस्लाम में दरूद शरीफ़ की बहुत बड़ी अहमियत है। यह ऐसा अमल है जो बंदे को अल्लाह व रसूल के क़रीब कर देता है और हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत का बुलंद तरीन इज़हार भी है। आज की इस पोस्ट में हम आपको यह बताएँगे कि दरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत क्या है और जो शख़्स दरूद शरीफ़ पढ़ता है उस पर अल्लाह तआला कैसा करम फरमाता है।

दरूद शरीफ़ पढ़ने पर इनआमे खुदावंदी

हज़रत अबू तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं एक दिन मैंने बारगाहे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम में हाज़िर होकर देखा कि चेहरा ए मुबारक ख़ुशी से दमक रहा है। मैंने अर्ज़ की “या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आज आप पहले से ज़्यादा ख़ुश नज़र आ रहे हैं? तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया अभी अभी जिब्रील मेरे पास आए और खुशख़बरी सुनाकर गए हैं कि जो मेरी उम्मत का कोई शख़्स मुझ पर एक मर्तबा दरूद भेजेगा अल्लाह तआला उसके बदले

उसके नामा ए आमाल में दस नेकियाँ लिख देता है

उसके दस गुनाह मिटा देता है

उसके दस दर्ज़े बुलंद कर देता है।

सुब्हानअल्लाह! यह दरूद शरीफ़ पढ़ने वाले के लिए एक अज़ीम नेअमत है।

फरिश्ते की दुआ दरूद पढ़ने वाले के लिए

हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने आगे फ़रमाया जिब्रईल अमीन ने बताया कि एक फ़रिश्ता आपकी उम्मत के हर उस बंदे के लिए मुकर्रर है जो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दरूद पढ़े। वह तुंरत कहता है “और तुझ पर भी अल्लाह तआला रहमत नाज़िल फ़रमाए। यह है दरूद शरीफ़ की बरकत!

दरूद शरीफ़ दुनिया व आख़िरत के ग़मों का रूहानी इलाज

आज इंसान परेशानियों और ग़मों में घिरा हुआ है लेकिन हदीस मुबारक हमें बताती है कि दरूद शरीफ़ दुनिया और आख़िरत  के ग़मों से निजात दिलाने वाला अमल है।

वह सवाल जिसने एक अनमोल ख़ज़ाना दिला दिया

एक सहाबी रज़ियल्लाहु अन्हु ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से अर्ज़ किया “या रसूलल्लाह अगर मैं  एक तिहाई हिस्सा आपके लिए दरूद पर मख़सूस कर दूँ तो? आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया “ठीक है अगर तुम चाहो तो।

सहाबी ने फिर पूछा “अगर मैं दो तिहाई मख़सूस कर दूँ? आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फिर फ़रमाया “ठीक है अगर तुम चाहो तो। आख़िर में उसने अर्ज़ की “अगर मैं अपनी पूरी दुआ आपके लिए दरूद पर वक़्फ़ कर दूँ? तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने वह बेमिसाल फ़रमान इरशाद फ़रमाया “अगर तुम ऐसा करोगे तो अल्लाह तआला तुम्हारे दुनिया और आख़िरत के तमाम ग़मों के लिए काफ़ी होगा। (मजमा-उज़-ज़वाइद)

यानि हर परेशानी हर तंगी हर ग़म से निजात अता फरमा देगा!

ख़ुलासा ए कलाम

दरूद शरीफ़ ऐसा नूरानी और रूहानी अमल है

जो गुनाहों को मिटाता है

नेकियों में इज़ाफ़ा करता है

दर्ज़े बुलंद करता है

फ़रिश्तों की दुआ का सबब बनता है

और दुनिया व आख़िरत के हर ग़म का इलाज है

दरूद शरीफ़ को अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाएँ

चलते-फिरते उठते-बैठते काम-काज के दौरान हर हाल में दरूद शरीफ़ पढ़ते रहिए

اللّٰہُمَّ صَلِّ عَلٰی سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَّعَلٰی آلِ سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَبَارِکْ وَسَلِّمْ

दुआ

अल्लाह तआला हम सब को अपने प्यारे हबीब सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर कसरत से दरूद शरीफ़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता फरमाए।

आमीन — या रब्बल आलमीन।

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