मर्दों का रंग गोरा करने वाली क्रीम का इस्तेमाल करना कैसा शरई हुक्म क्या है जानिए

क्या मर्द फेयरनेस क्रीम नाइट क्रीम या रंग गोरा करने वाली कोई चीज़ लगा सकते हैं? उम्दतुल क़ारी की दलील के साथ पूरा शरई हुक्म जानिए।

आज कल सोशल मीडिया और इश्तिहारात की वजह से हुस्न का जुनून बहुत बढ़ गया है। खास तौर पर नौजवान लड़कों और मर्दों में यह बात आम होती जा रही है कि वह अपना रंग गोरा करने चेहरे के दाग़ धब्बे हटाने या जिल्द को चमकदार बनाने के लिए नाइट क्रीमें फेयरनेस क्रीमें और दूसरे कास्मेटिक्स इस्तेमाल करते हैं अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या मर्द का रंग गोरा करने वाली क्रीम लगाना शरअन जाइज़ है? क्या यह तकल्लुफ बनाव-सिंगार या औरतों की मुशाबहत तो नहीं? क्या हुस्न की यह फिक्र इस्लाम में पसंदीदा है या नापसंदीदा? आज हम इंशाअल्लाह तफ्सील से दलाइल के साथ इस मौज़ू को वाज़ेह करते हैं ताकि आप का दिल मुतमइन हो जाए।

शरीअत में हुस्न और सफाई का मक़ाम

इस्लाम दीन ए फितरत है अल्लाह तआला ने इंसान को खूबसूरत बनाया और खूबसूरती को पसंद फरमाया नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया इन्नल्लाह जमीलुन युहिब्बुल जमाल  अल्लाह खूबसूरत है खूबसूरती को पसंद फरमाता है -मुस्लिम  

इसी तरह ज़ाहिरी सफाई और पाकीज़गी को इस्लाम ने निस्फ ईमान क़रार दिया है चेहरे की सफाई बालों की सफाई जिस्म की हिफाज़त यह सब मुस्तहब और पसंदीदा अअमाल हैं।

दाग़ धब्बों का इलाज और रंगत की बेहतरी जाइज़ है या नहीं

अब आते हैं अस्ल सवाल की तरफ कि अगर कोई मर्द अपने चेहरे के मैल कील मुहांसों सियाही या धूप की वजह से पड़ने वाले दाग़ धब्बों को दूर करने के लिए क्रीम या दवा इस्तेमाल करे तो क्या हुक्म है?

उलमा ए किराम का मुत्तफिका फतवा यह है कि रंग गोरा करने या चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए मर्द हज़रात का नाइट क्रीम या कोई भी ऐसी दवा इस्तेमाल करना शरअन जाइज़ है बशर्ते कि उस में किसी नापाक या हराम चीज़ के शामिल होने का यक़ीनी इल्म न हो। चेहरे की सफाई दाग़ धब्बों के इज़ाले और जिल्द की हिफाज़त के लिए अद्वियात या क्रीमें इस्तेमाल करना शरीअत में ममनूअ नहीं। इस की वाज़ेह दलील अल्लामा बदरुद्दीन ऐनी रहिमहुल्लाह की मशहूर ए ज़माना किताब उम्दतुल क़ारी में मौजूद है जो सहीह बुखारी की बेहतरीन शरह में से एक है। आप लिखते हैं  वह दवाइयाँ जो मैल को दूर करें और चेहरे को खूबसूरत बनाएँ उन से मना नहीं किया गया। (उम्दतुल क़ारी शरह सहीह बुखारी जिल्द 20, सफ्हा 193)

कब यह चीज़ नाजाइज़ हो जाती है

अब चंद शराइत ज़रूर याद रखें

पहली बात  क्रीम में हराम जानवर की चर्बी अल्कोहल या कोई नजिस चीज़ न हो।  

दूसरी बात सिर्फ औरतों की मुशाबहत की नियत न हो (जैसे मेकअप कर के बिल्कुल औरतों जैसा बन जाना)।  

तीसरी बात फख्र व गुरूर रियाकारी न हो।  

चौथी बात हलाल पैसे से खरीदी हो।  

अगर यह शराइत पूरी हों तो फिर चाहे नाइट क्रीम हो सनस्क्रीन हो फेयरनेस क्रीम हो या कोई एंटी एजिंग प्रोडक्ट  सब जाइज़ और मुबाह हैं।

खुलासा ए कलाम

पस ऐसी तमाम क्रीमें या अद्वियात जिन का मक़सद जिल्द की सफाई रंगत में बेहतरी या चेहरे की खूबसूरती हो और जिन में कोई नापाक या हराम माद्दा शामिल न हो उन का इस्तेमाल मर्द व औरत दोनों के लिए जाइज़ है। शरीअत की रो से खूबसूरती की हिफाज़त और ज़ाहिरी सफाई इख्तियार करना भी पसंदीदा उमूर में से है।

अल्लाह तआला हम सब को दीन की सहीह समझ अता फरमाए और ज़ाहिरी व बातिनी खूबसूरती नसीब फरमाए। आमीन

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