अच्छी ज़िन्दगी कैसे हासिल हो जी हाँ आज हम इसी पर गुफ्तगू करेंगे के हम अच्छी ज़िन्दगी कैसे हासिल कर सकते हैं हम अच्छी ज़िन्दगी कैसे जी सकते हैं ताके हमें सुकून और इत्मीनान हासिल हो हमारी ज़िन्दगी चैन और सुकून से गुज़रे आज हर आदमी इसी जद्दो जहद में लगा हुआ है के उसकी ज़िन्दगी अच्छी गुज़रे और अच्छी ज़िन्दगी गुज़ारने के ही लिए कोई मज़दूरी कर रहा है तो कोई कारोबार कर रहा कोई तिजारत कर रहा है तो कोई मुलाज़मत और नौकरी कर रहा है!
हर किसी का मकसद एक है अच्छी ज़िन्दगी का हुसूल
अगर कोई मज़दूरी कर रहा है तो उसका भी यही मकसद है के उसकी ज़िन्दगी आराम से गुज़रे चैन सुकून से गुज़रे, अगर कोई मुलाज़मत और नौकरी का काम अंजाम दे रहा है तो वोह भी नौकरी इसलिए कर रहा है उसे अच्छी ज़िन्दगी हासिल हो, अगर कोई कारोबार तिजारत कर रहा है तो वोह भी यही चाहता है के उसकी ज़िन्दगी आराम से बसर हो यानी तिजारत पेशा आदमी का भी मकसद यही है तिजारत करने का के उसकी ज़िन्दगी अच्छी और आराम से गुज़रे! तो यह जितने तरीके हैं आप गौर करें तो इन में आज तक खातिर ख्वाह न राहत हासिल हुई और ना हो सकती है!
अच्छी ज़िन्दगी हासिल करने का तरीका क्या है
तो आइये इस सवाल का जवाब हम कुरान से पूछते हैं के अच्छी ज़िन्दगी गुज़ारने का तरीका क्या है हम क्या करें के जिस से हमें अच्छी ज़िन्दगी हासिल हो हमें चैन और सुकून मिले हमारी ज़िन्दगी अच्छी गुज़रे! कुरान ए मजीद के चौदहवें पारे में अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है ! मन अमिला सालेहम मिन ज़-क-रिन अव उनसा वहुवा मुमिनुन फलनुह यियन्नहू हयातन तय्यिबतन व-ल-नज्ज़ियन्नहुम बी अहसनी मा कानू यअमलून (प,14 र,19) तर्जुमा: जो अच्छा काम करे मर्द हो या औरत, और हो मुसलमान तो ज़ुरूर हम उसे अच्छी ज़िन्दगी जिलाएंगे, और ज़ुरूर उन्हें अज्र देंगें बसबब उनके अच्छे आमाल के!
दोस्तों इस आयत ए करीमा में अल्लाह पाक ने अच्छी ज़िन्दगी हासिल करने का तरीक बयान फ़रमाया है तो अच्छी ज़िन्दगी हासिल करने का अच्छी ज़िन्दगी गुज़ारने का जो तरीका अल्लाह अज़ व जल्ल ने ब्यान फ़रमाया है अल्लाह का ब्यान किया हुआ ही तरीका वह तरीका है के जिसे अपनाकर जिस पर अमल करके अच्छी ज़िन्दगी पा सकते हैं अच्छी ज़िन्दगी हमें हासिल हो सकती है अल्लाह अज़ व जल्ल ने आयते मुबारक में फरमाया के जो अच्छा अमल करे और हो वह मुसलमान तो हम उसे अच्छी ज़िन्दगी अता करेंगे! दोस्तों बेहतर ज़िन्दगी पाने अच्छी ज़िन्दगी हासिल करने का यह है तरीका के मुसलमान बनकर अच्छे और नेक काम करो आमाले सालेह बजा लाओ अल्लाह और उसके रसूल अलैहिस्सलातु वस्सलाम के अहकाम पर अमल करो अल्लाह व रसूल के हुक्मों पर चलो, तो इसका यह फायेदा होगा नतीजा इसका यह होगा के तुम अच्छी ज़िन्दगी हासिल कर लोगे बेहतर ज़िन्दगी पा लोगे!
दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा के अच्छी और पाकीज़ा ज़िन्दगी उसे हासिल होगी अच्छी ज़िन्दगी उसे अता की जायेगी जो अच्छे अमल करेगा नेक आमाल बजा लाएगा लिहाज़ा हमें चाहिए के हम नमाज़ की पाबन्दी करें अल्लाह ने हम पर दिन रात में पांच वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ फरमाई है कोशिश करें के हम पांचों नमाज़ों को उसके वक़्त में अदा करें और बा जमाअत अदा करें अल्लाह ने हमें हलाल कमाने खाने का हुक्म फ़रमाया है और हराम से बचने का हुक्म दिया है तो हम हलाल कमायें और हलाल खाएं और हराम से बचें! और अपने माँ बाप की खिदमत करें उनके साथ हुस्ने सुलूक करें सच्चाई और अमानत दारी का दामन मजबूती से पकडे रहें और फारिग वक़्त में खाली समय में कुरान अज़ीम की तिलावत करें और अपनी ज़बान की हिफाज़त करें झूट चुगली गीबत से बचें और गाली गलोच करने से बचें आजकल देखा जाता है के लोग बात बात पर गाली देते हैं हंसी मज़ाक में गाली निकालते हैं और अफ़सोस की बात तो यह के गाली देने को बुरा भी नहीं समझते दोस्तों गाली देना बहुत क़बीह बात है अपनी ज़बान से गाली ना निकालो ज़बान को गाली से पाक रखो! एक सहाबी ए रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का वाकिया पढ़ें और नसीहत हासिल करें, देहात के रहने वाले एक सहाबी हुज़ूर की बारगाह में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुझे कुछ नसीहत फरमाइए तो आप सल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया "किसी को गाली न देना" हुज़ूर के हुक्म की तामील किस क़दर की के उन सहाबी ने रावी बयान करते हैं के मरते दम तक इंसान तो इंसान किसी जानवर को भी गाली नहीं दी!
अल्लाह से दुआ है के हमें आमाल ए सालेहा नेक कामों की तौफीक अता फरमा आमीन