wuzoo ka tareeka और फज़ीलत

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अस्सलामु अलैकुम दोस्तों: में इस आर्टिकल में वुज़ू का ब्यान और फज़ीलत और वुज़ू का तरीका बताने वाला हूँ !

वुज़ू का बयान और वुज़ू की फज़ीलत 

हृदीस शरीफ में है: हज़रत अबू  हुरैरा रदिअल्लाहु अन्हु से मरवी है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया, कि क़यामत के दिन मेरी उम्मत इस हालत में बुलाई जाएगी कि मुंह , हाथ, और पैर, वुज़ू की वजह से चमकते होंगें। (बुखारी शरीफ)

दोस्तों आपने पढ़ा वुज़ू की फ़ज़ीलत, के क़यामत के दिन आज़ा ए वज़ू चमकते होंगे 

एक और हृदीस शरीफ में है: हज़रत अली रदिअल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया की जो सख्त सर्दी में कामिल वज़ू करे, उसके लिये दूना सवाब है। (तबरानी)

यह भी अल्लाह का करम है की जो सख्त जाड़े में ठंडी में कामिल वज़ू करे यानी आज़ा ए वज़ू पर पानी अच्छी तरह बहाए, अच्छी तरह से धोए के आज़ा ए वज़ू का कोई हिस्सा सूखा न रहे , अगर कोई आज़ा ए वज़ू का हिस्सा बाल बराबर भी खुश्क रहा सूखा रहा तो वज़ू ही न होगा! तो जो सर्दी में कामिल वज़ू करे तो उसे दूना सवाब मिलेगा!

वज़ू  के फराइज़

वज़ू में चार फर्ज़ हैं

पहला, मुँह धोनाः यानि पेशानी के बालों की जड़  से ठोड़ी के नीचे तक, और एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक।

दूसरा, कोहनियों समेत दोनों हाथ धोना!

तीसरा, चौथाई सर का मसह करना!

चौथा, दोनों पाँव टखनों समेत धोना!


वुज़ू करने का तरीका


वुज़ू करने का तरीका यह कि पहले बिस्मिल्लाह पढ़कर उंगली से दांत मले, फिर दोनों हाथों को गट्टों तक तीन बार धोए, पहले दाहिने यानि सीधे हाथ पर पानी डाले, फिर बाएं यानि उलटे हाथ पर पानी डाले, ख्याल रखें के दोनों हाथों को एक साथ न धोए, फिर दाहिने यानि सीधे हाथ से तीन बार कुल्ली करे, फिर बाएं यानि उलटे हाथ की छोटी उंगली से नाक में पानी डालकर नाक साफ़ करे, फिर दाहिने यानि सीधे हाथ से तीन बार नाक में पानी चढाए, फिर पूरा चेहरा धोए यानी पेशानी के बालों की जड़ों से ठुड़ी के नीचे तक, और एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक हर हिस्से पर तीन मर्तबा पानी बहाए, इसके बाद दोनों हाथ कोहनियों समेत तीन बार धोए, उंगलियों की तरफ से कोहनियों के ऊपर तक पानी डाले, कोहनियों की तरफ से न डाले, फिर एक बार दोनों हाथ से चौथाई सर का मसह करे, फिर कानों का और फिर गर्दन का एक एक बार मसह करे, फिर दोनों पांव टखनों समेत तीन बार धोए। 

ध्यान देने वाली बात 

आज़ा ए वुज़ू के धोने का मतलब यह है कि आज़ा ए वुजू के जिस हिस्से को धोए तो उसके हर हिस्से में पानी बह जाए तेल की तरह पानी चुपड़ने से वज़ू नहीं होगा बल्के  जिस हिस्से को धोए उसके हर हिस्सा पर पानी बह जाए।

दोस्तों यह था वज़ू का ब्यान और फ़ज़ीलत और तरीका, मुझे उम्मीद है के इससे आपको ज़रूर फाएदा मिलेगा और आपके इल्म में भी इज़ाफा होगा !


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