achi zindagi kaise hasil karen | कुरान और हदीस की रौशनी में रहनुमाई

क़ुरान मजीद में इर्शादे बारी तआला है "जो अच्छा काम करे मर्द हो या औरत और हो मोमिन तो ज़रूर हम उसे अच्छी ज़िन्दगी अता करेंगे और उनके अच्छे आमाल की वजह

अच्छी ज़िन्दगी कैसे हासिल हो हर इंसान की एक ख्वाहिश होती है कि उसकी ज़िन्दगी अच्छी गुज़रे। वो चैन और सुकून से जी सके उसका दिल मुतमइन रहे और उसकी आँखें सुकून पाएँ। यही वजह है कि आज हर शख़्स इसी जद्दोजहद में लगा हुआ है कि किस तरह उसकी ज़िन्दगी आराम से गुज़रे। कोई मज़दूरी कर रहा है कोई कारोबार करता है कोई तिजारत करता है तो कोई नौकरी करता है। सबका मक़सद एक ही है कि अच्छी ज़िन्दगी मिल जाए ऐसी ज़िन्दगी जिसमें चैन और इत्मीनान हो। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ़ पैसा नौकरी और कारोबार से इंसान को सुकून मिल सकता है? अगर ऐसा होता तो आज दौलतमंद लोग अरबपति और बड़े-बड़े कारोबार करने वाले लोग सबसे ज़्यादा सुकून में होते। मगर हकीकत इसके उलट है। कितने अमीर लोग हैं जो बेचैन रहते हैं जिनकी रातें नींद से ख़ाली होती हैं। उनके पास सब कुछ है कारोबार दौलत बंगला गाड़ी सब है मगर दिल को सुकून नहीं मिलता। तो फिर अच्छी ज़िन्दगी किसे कहते हैं और उसे कैसे पाया जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब क़ुरान और हदीस से लेते हैं।

अच्छी ज़िन्दगी का असली राज़

क़ुरान मजीद में इर्शादे बारी तआला है "जो अच्छा काम करे मर्द हो या औरत और हो मोमिन तो ज़रूर हम उसे अच्छी ज़िन्दगी अता करेंगे और उनके अच्छे आमाल की वजह से उन्हें बेहतरीन अज्र देंगे। (पारा 14 रुकू 19) इस आयत से यह मालूम हो गया कि अच्छी ज़िन्दगी का ताल्लुक दौलत शोहरत और ज़ाहिरी आराम से नहीं बल्कि ईमान और नेक आमाल से है। यानी जो मोमिन होगा और नेक काम करेगा वही असल में अच्छी और पाकीज़ा ज़िन्दगी पाएगा।

नेक आमाल से ज़िन्दगी का सुधार

अगर इंसान अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाना चाहता है तो उसे नेक आमाल की तरफ़ रुख करना होगा। नेक आमाल से इंसान की दुनियावी ज़िन्दगी में सुकून और इत्मीनान और बरकत हासिल होती है और आखिरत में भी भलाई और कामयाबी नसीब होगी।

1. नमाज़ की पाबंदी

अल्लाह तआला ने दिन और रात में पाँच वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ की है। नमाज़ इंसान की रूह की ग़िज़ा है। जब इंसान अल्लाह के सामने सज्दा करता है तो उसके दिल को इत्मीनान मिलता है। क़ुरान में भी आया है "सुन लो दिलों का सुकून सिर्फ़ अल्लाह की याद में है।

2. हलाल रोज़ी

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया "हलाल कमाना फ़र्ज़ है फ़र्ज़ों के बाद। हलाल कमाई से ज़िन्दगी में बरकत आती है। हलाल खाने से दिल साफ़ होता है नूर पैदा होता है और दुआएँ क़ुबूल होती हैं। इसके बरअक्स हराम कमाई से इंसान की ज़िन्दगी में बेचैनी और बर्बादी आती है।

3. माँ बाप की खिदमत

क़ुरान में कई जगह माँ बाप के साथ हुस्ने सुलूक करने का हुक्म दिया गया है। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा गया कि सबसे ज़्यादा हक़दार कौन है अच्छे सुलूक का? आपने फ़रमाया "तुम्हारी माँ फिर तुम्हारी माँ फिर तुम्हारी माँ तीन मर्तबा फ़रमाया फिर फ़रमाया तुम्हारा बाप। माँ बाप की खिदमत से ज़िन्दगी में बरकत और दिल में सुकून आता है।

4. सच्चाई और अमानतदारी

सच बोलना और अमानतदारी इस्लाम की बुनियाद है। जो इंसान अपनी ज़िन्दगी में सच्चाई को थाम ले और धोखा फ़रेब और झूठ से दूर रहे उसकी ज़िन्दगी में इत्मीनान रहता है। झूठ इंसान को कभी सुकून नहीं देता।

5. क़ुरान की तिलावत

क़ुरान की तिलावत इंसान के दिल को रोशन कर देती है। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया "क़ुरान पढ़ो क्योंकि यह क़यामत के दिन अपने पढ़ने वालों के लिए शफ़ाअत करेगा।

6. ज़ुबान की हिफ़ाज़त

ज़ुबान इंसान का सबसे बड़ा इम्तेहान है। झूठ चुग़ली ग़ीबत और गाली-गलौच इंसान के आमाल को बरबाद कर देते हैं। आजकल अफ़सोस की बात है कि गाली देना मज़ाक समझा जाता है जबकि यह बहुत बड़ी बुराई है। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक सहाबी को नसीहत दी थी कि किसी को गाली न देना। उन सहाबी ने मरते दम तक इस नसीहत पर अमल किया और न किसी इंसान को गाली दी और न ही किसी जानवर को।

असली चैन और सुकून क्या है

दुनिया में बहुत लोग समझते हैं कि अगर पैसा आ जाए तो सब कुछ मिल जाएगा। मगर हकीकत यह है कि पैसा सिर्फ़ ज़रूरतें पूरी कर सकता है सुकून और इत्मीनान नहीं दे सकता। असली चैन अल्लाह की याद और उसके हुक्मों की इताअत में है।

जब इंसान अल्लाह के हुक्मों पर चलता है नमाज़ पढ़ता है हलाल कमाता है माँ-बाप की खिदमत करता है दूसरों के साथ अच्छा सलूक करता है तो उसकी ज़िन्दगी में एक अजीब सुकून आता है। और यह सुकून अमीरों की दौलत से नहीं खरीदा जा सकता।

खुलासा

दोस्तों असली अच्छी ज़िन्दगी वही है जो अल्लाह की रज़ा और उसके हुक्मों के मुताबिक़ गुज़रे। जो इंसान नेक आमाल करता है नमाज़ का पाबंद है हलाल कमाता है माँ बाप की खिदमत करता है और अपनी ज़ुबान को बुराई से पाक रखता है वही इस दुनिया में भी चैन पाता है और आख़िरत में भी कामयाब होता है।

तहरीर का लुब्बे लुबाब

हर इंसान अच्छी ज़िन्दगी चाहता है लेकिन सिर्फ़ दौलत और दुनियावी आराम से सुकून नहीं मिलता। क़ुरान के मुताबिक़ ईमान और नेक आमाल ही अच्छी ज़िन्दगी का असली रास्ता हैं। अच्छी ज़िन्दगी के लिए नमाज़ की पाबंदी करें हलाल रोज़ी कमाएँ माँ-बाप की खिदमत करें सच्चाई और अमानतदारी अपनाएँ और झूठ ग़ीबत और गाली-गलौच से ज़ुबान को बचाएँ।

दुआ

अल्लाह तआला हम सबको नेक आमाल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए हमारी ज़िन्दगी को बेहतर और पाकीज़ा बनाए और हमें दुनिया व आख़िरत दोनों में कामयाबी अता फ़रमाए। आमीन या रब्बल आलमीन।


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