Bismillah Shareef से हर नेक काम की शुरुआत

हर नेक काम की शुरुआत बिस्मिल्लाह से करना बरकत और रहमत का बाइस है जानिए बिस्मिल्लाह पढ़ने से खाने और आमाल में कैसी बरकत आती है और क्यों इसे हर काम से.

हर नेक काम की इब्तिदा बिस्मिल्लाह से करनी चाहिए क्योंकि यही बरकत और रहमत का सबब है उम्मते मुस्लिमा के लिए रहमतुल्लिल आलमीन सैय्यदुल अंबिया हजरत मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया।

كُلُّ اَمْرٍ ذِي بَالٍ لَا يُبْدَأُ فِيهِ بِبِسْمِ اللَّهِ فَهُوَ أَبْتَرُ

यानि नेक काम के आगाज़ में बिस्मिल्लाह पढ़ना बरकत का बाइस और फायदेमंद साबित होता है जबकि बिस्मिल्लाह पढ़े बगैर किसी काम में भी बरकत नहीं होती नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इस इरशाद के मुताबिक हमें अपने हर नेक काम के आगाज़ में बिस्मिल्लाह पढ़नी चाहिए।

खाने पर बिस्मिल्लाह की बरकत

जिस खाने को तनाओल करने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ ली जाती है उस खाने में शैतान की मजाल नहीं कि वह उसमें शिरकत कर सके अल्लाह के पाक नाम से खाया जाने वाला खाना पुरनूर होकर पेट में जाता है और दिल व नज़र भी इससे ज़िया हासिल करते हैं।

बरअक्स इसके जिस खाने के आगाज़ में बिस्मिल्लाह ना पढ़ी जाए उस खाने में शैतान शरीक हो जाता है जिससे खाना बेबरकत हो जाता है और इंसान खाने के बाद भी भूख महसूस करता रहता है।

हजरत हुज़ैफा रज़ीअल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि सरवरे कायनात सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया

إِنَّ الشَّيْطَنَ يَسْتَحِلُّ الطَّعَامَ لَا يُذْكَرُ اسْمُ اللَّهِ عَلَيْهِ

यह हदीस मिश्कात के सफा 363 पर मर्कूम है और इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है जिसका मतलब यह है कि शैतान उस खाने को हलाल जानता है और उसमें शरीक हो जाता है जिस पर बिस्मिल्लाह ना पढ़ी जाए।

बिस्मिल्लाह भूल जाने पर क्या करें

अगर कोई भाई बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल जाए तो जब याद आए उसी वक्त पढ़ ले इससे खाने की बरकत लौट आती है सरवरे कोनो मकाँ का इरशाद है।

إِذَا أَكَلَ أَحَدُكُمْ فَنَسِيَ أَنْ يَذْ كُرَ اللَّهَ عَلَى طَعَامِهِ فَلْيَقُلْ بِسْمِ اللهِ فِي أَوَّلِهِ وَآخِرِهِ

यह हदीस मिश्कात के सफा 365 पर है और इसे तिरमिज़ी व अबू दावूद ने रिवायत किया है इसका मतलब यह है कि जब कोई खाना खाए और बिस्मिल्लाह भूल जाए तो कहे बिस्मिल्लाहि फ़ी अव्वलिही वा आखिरिही।

अबू दाऊद में है कि ज़माना ए नबवी में एक शख्स बिना बिस्मिल्लाह पढ़े खाना खा रहा था जब आखिरी लुकमा उठाया तो उसने पढ़ा बिस्मिल्लाहि फ़ी अव्वलिही वा आखिरिही यह देखकर ताजदारे मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुस्कुराए और फरमाया इस बंदा ए खुदा के साथ खाने में शैतान शरीक था मगर बिस्मिल्लाह पढ़ने पर शैतान ने सब खाया हुआ कै कर दिया।

हिकायत से सबक

हजरत अबू हुरैरा रज़ीअल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि एक मर्तबा एक मुसलमान और एक काफिर के शैतान में मुलाकात हुई काफिर का शैतान मोटा ताजा था जबकि मोमिन का शैतान दुबला पतला और नंगा था काफिर के शैतान ने पूछा तुम्हारी यह हालत क्यों है उसने जवाब दिया मैं ऐसे मर्दे खुदा के साथ हूं जो हर काम बिस्मिल्लाह से शुरू करता है खाना पीना पहनना तेल लगाना सब कुछ बिस्मिल्लाह से करता है इसीलिए मैं भूखा प्यासा और नंगा रह जाता हूं।

काफिर के शैतान ने कहा मैं ऐसे शख्स पर मुसल्लत हूं जो किसी काम में बिस्मिल्लाह नहीं पढ़ता इसीलिए मैं उसके साथ खाने पीने और हर काम में शरीक रहता हूं।

इस हिकायत से हमें सबक मिलता है कि अगर हम बरकत और खैर चाहते हैं तो हर नेक काम के आगाज़ में बिस्मिल्लाह पढ़ा करें वरना हमारे हर अमल में शैतान शरीक हो जाएगा और वह काम बेबरकत हो जाएगा।

बिस्मिल्लाह और मिलजुलकर खाने की हिदायत

एक मर्तबा दरबार ए रिसालत लगा हुआ था एक शख्स ने अर्ज़ की या रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम क्या वजह है कि जब भी मैं खाना खाता हूं सैर नहीं होता इरशाद हुआ शायद तुम अकेले खाते हो उसने अर्ज़ की हां या रसूलअल्लाह इस पर नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया।

اجْتَمِعُوا عَلَى طَعَامِكُمْ وَاذْكُرِ اسْمَ اللهِ تَعَالَى يُبَارِكْ لَكُمْ فِيه

यानि मिलजुलकर खाना खाओ और बिस्मिल्लाह पढ़ लिया करो तो तुम्हारे खाने में बरकत हो जाएगी और सब पेट भरकर खाओगे।

लास्ट कलमात 

हर नेक काम की इब्तिदा बिस्मिल्लाह से करना ईमान की निशानी है बिस्मिल्लाह बरकत का सरचश्मा है जो इंसान अपने हर काम की शुरुआत इस मुकद्दस नाम से करता है उसके अमल में नूर और रहमत पैदा होती है और शैतान की दखलअंदाज़ी खत्म हो जाती है।

इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने हर अमल की शुरुआत बिस्मिल्लाह से करें चाहे वह खाना हो पीना हो कपड़े पहनना हो या कोई और काम बिस्मिल्लाह की बरकत से हमारी ज़िंदगी में सकून और बरकत पैदा होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवालात

सवाल 1: बिस्मिल्लाह कब पढ़नी चाहिए

जवाब: हर नेक काम की शुरुआत में जैसे खाना खाते वक्त, पानी पीते वक्त, कपड़े पहनते वक्त या घर से निकलते वक्त बिस्मिल्लाह पढ़नी चाहिए ताकि काम में बरकत हो

सवाल 2: अगर खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल जाएं तो क्या करें

जवाब: अगर भूल जाएं तो जैसे ही याद आए पढ़ लें बिस्मिल्लाहि फी अव्वलिही वा आखिरिही इससे खाने में बरकत लौट आती है

सवाल 3: बिस्मिल्लाह ना पढ़ने से क्या नुकसान होता है

जवाब: जिस काम या खाने में बिस्मिल्लाह ना पढ़ी जाए उसमें शैतान शरीक हो जाता है और वह काम या खाना बेबरकत हो जाता है

सवाल 4: मिलजुलकर खाना खाने की क्या हिकमत है

जवाब: नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि मिलजुलकर खाना खाने और बिस्मिल्लाह पढ़ने से खाने में बरकत होती है और सब सैर हो जाते हैं

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