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Husne Akhlaq अख्लाक ए हसना



अस्सलामु अलैकुम 

अख्लाक ए हसना की तालीम 

 दोस्तों : इस पोस्ट में आप अख्लाक ए हसना के बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे के अख्लाक ए हसना क्या है उसकी अहमियत और फज़ीलत क्या है 

अल्लाह तआला की अज़ीम नेअमतें और दौलतें जो मुसलामानों को मिली हैं, उनमें अख्लाक ए हसना नहायत ही अहम है , अख्लाक ए हसना क्या है , अख्लाक ए हसना , अच्छे बर्ताव , अच्छी आदतें , अच्छा रवय्या अच्छी खसलतें यानी लोगों के साथ अच्छा रवय्या इख़्तियार करना , लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करना लोगों के साथ भलाई करना , नेकी करना वगैरह , यह अख्लाक ए हसना हैं ,

हुज़ूर का खुल्क़ और कुरान 

खुद हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अख्लाक ए हसना के आला मेअयार के नमूना ए कामिल थे, जिसकी गवाही कुरान ए करीम ने भी दी है, चुनांचे अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है ,

तर्जुमा: और बेशक तुम्हारी खू बू (खुल्क़) बड़ी शान की है, (कुरान)

खुद हुज़ूर सरवरे काएनात सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अपने अख्लाक ए करीमा के बारे में इरशाद फरमाते हैं, ‘में अख्लाक ए हसना की तकमील के लिए भेजा गया हूँ, (मुसनद अहमद )

हुस्ने अख्लाक की तालीम 

हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपनी उम्मत को अच्छे अख्लाक की अहमियत और उसकी तरफ रग्बत दिलाते हुए इरशाद फरमाते हैं, “मोमिनों में उसका ईमान कामिल है जिसके अख्लाक सबसे अच्छे हैं, और तुम में वह बहतर है जो अपनी औरतों के साथ अच्छे अख्लाक से पेश आता है” (सुनन तिरमिज़ी )

एक दुसरे मक़ाम पर इरशाद फरमाते हैं, “तुम में सबसे बहतर वह है जिसके अख्लाक सबसे अच्छे हैं”

(सही बुखारी )

अगर मुसलमान अपने अख्लाको किरदार को उम्दा बना लें

यकीनन यह हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अख्लाक ए करीमा का ही नतीजा है के आपने लोगों के दिलों से ज़ुल्मत व जहालत को दूर करके नूरे सदाक़त व मअरफते इलाही से भर दिया,  यह बात मुसल्लम है के अगर आज भी मुसलमान अपने अख्लाको किरदार को उम्दा बना लें और अपनी ज़िन्दगी को तालीमाते नब्वी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुताबिक ढाल लें , तो आज भी दुनिया में बा इज़्ज़त व सुर्ख रू होकर जिएँ और आखिरत में फौज़ो फलाह के मुस्तहिक़ भी हों!


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