attahiyat darood aur dua tarjuma ke sath padhen और अपनी मालूमात में इज़ाफा करें

तर्जुमा: ऐ अल्लाह तू ही सलामती देने वाला है। और सलामती तेरी ही तरफ से है। और सलामती तेरी ही तरफ लौटती है। ऐ हमारे परवरदिगार हम को सलामती की साथ

अस्सलामु अलैकुम आप इस पोस्ट में अत्तहिय्यात दरूद शरीफ और दुआ वगैरा को हिंदी में और हिंदी तर्जुमा के साथ पढेंगे और मुझे उम्मीद है के इससे आपको बहुत फायेदा होगा आपके इल्म में आपकी जानकारी में इज़ाफा होगा तो आइए सबसे पहले अत्तहिय्यात से शुरू करते हैं अत्तहिय्यात यह नमाज़ में पढ़ी जाती है जब आदमी कअदा में बैठता है और अत्तहिय्यात का नमाज़ में पढना वाजिब है अगर कोई शख्स अत्तहिय्यात नहीं पढता है या कुछ लफ्ज़ भी छूट जाएँ पढने में तो नामज़ नहीं होगी उस नमाज़ का दुबारा पढ़ना वाजिब है हमें चाहिए के हम अत्तहिय्यात को ज़रूर याद करें तो आइये अत्तहिय्यात अरबी इबारत को हिंदी में तर्जुमा के साथ पढ़ें।

 तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तय्यिबातु।अस्सलामु अलैका अय्युहन्नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु। अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन। अशहदु अल ला इलाहा इल्लल्लाहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु।

तर्जुमा: तमाम क़ौली इबादतें और तमाम फ़ेली इबादतें और तमाम माली इबादतें अल्लाह ही के लिए हैं। सलाम हो तुम पर ऐ नबी और अल्लाह की रहमतें और उसकी बरकतें। सलाम हो हम पर और अल्लाह के नेक बंदों पर। मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के बंदे और उसके रसूल हैं।

आपने अभी ऊपर अत्तहिय्यात को तर्जुमा के साथ पढ़ा अब दरूद ए इब्राहीम भी पढ़ें दरूद ए इब्राहीम यह भी नमाज़ में पढ़ी जाती है ठीक अत्तहिय्यात के बाद तो आइये तो आइये इसे भी मअनी के साथ पढ़ें।

दुरूद शरीफ़

अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदिव् व अला आली मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इबराहीम व अला आली इबराहीम इन्नका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव् व अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इबराहीम व अला आली इबराहीम इन्नका हमीदुम मजीद।

तर्जुमा: ऐ अल्लाह हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आल पर रहमत फ़रमा। जिस तरह तू ने रहमत नाज़िल फ़रमाई हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की आल पर। बेशक तू तारीफ़ किया गया बुज़ुर्ग है। ऐ अल्लाह बरकत दे हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनकी आल को जिस तरह तू ने बरकत दी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और उनकी आल को। बेशक तू तारीफ़ के लाइक बड़ी बुज़ुर्गी वाला।

नमाज़ में दरूद ए इब्राहीमी के बाद जो दुआ पढ़ी जाती है उसे दुआ ए मासूरा कहते हैं  इसे भी तर्जुमा के साथ पढ़ें और अपनी मालूमात में इज़ाफा करें।

दुरूद शरीफ़ के बाद की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लम्तु नफ्सी ज़ुल्मन कसीरव् व ला यग़फिरुज़् ज़ुनूबा इल्ला अनत। फग़फिर ली मग़फिरतम मिन इन्दिक वरहम्नी इन्नका अनतल ग़फूरुर रहीम।

तर्जुमा: ऐ अल्लाह मैं ने नफ़्स पर बहुत ज़ुल्म किया। और तेरे सिवा गुनाहों को कोई नहीं बख़्शता। पस तू अपने करम से मुझ को बख़्श दे। और मुझ पर रहम फ़रमा। बेशक तू ही बख़्शने वाला है और रहमत वाला।

जब नमाज़ से फारिग हों यानी सलाम फेरने के बाद जो दुआ पढ़ी जाती है वह यह है यहाँ यह बात भी ध्यान रहे के अगर आपको यह दुआ याद नहीं है तो आपको जो भी दुआ याद है उसे पढ़ सकते है याद रहे यह दुआ जो नीचे दी गई है पहली और दूसरी दुआ इसे नमाज़ से सलाम फेरने के बाद जब दुआ के लिए हाथ उठाया जाता है तब  पढ़ी जाती है आप इसकी जगह दूसरी दुआ भी पढ़कर दुआ मांग सकते हैं जो आपको याद हो।

दुआ ए अव्लव

अल्लाहुम्मा अनतस्सलामु व मिनकस्सलामु व इलैका यर्जिउस्सलामु। हय्यिना रब्बना बिस्सलामि व अदखिल्ना दारस्सलामि तबारकता रब्बना व तआलैता या ज़ल जलालि वल इकराम।

तर्जुमा: ऐ अल्लाह तू ही सलामती देने वाला है। और सलामती तेरी ही तरफ से है। और सलामती तेरी ही तरफ लौटती है। ऐ हमारे परवरदिगार हम को सलामती की साथ ज़िन्दा रख। और सलामती की साथ घर में दाख़िल फ़रमा। तू बड़ी बरकत वाला है। ऐ हमारे परवरदिगार और बहुत बुलंद है तू, ऐ जलाल और बुज़ुर्गी वाले।

दुआ ए दौम

रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनतव् व फिल आखिरति हसनतव् व किना अज़ाबन्नार।

तर्जुमा ऐ हमारे परवरदिगार हम को दुनिया में भी भलाई और आख़िरत में भी भलाई अता फ़रमा। और हम को दोज़ख के अज़ाब से बचा।

अब आइये दुआ ए क़ुनूत पढने से पहले इस के बारे में भी जान लें दुआ ए क़ुनूत नमाज़ ए इशा में जो तीन वित्र पढ़ी जाती हैं उस वित्र की आखरी रकात में पढ़ी जाती है अलहम्दु और सुरह के बाद और दुआ ए क़ुनूत का पढ़ना वाजिब है अगर आपको दुआ ए क़ुनूत याद नहीं है तो आप इसकी जगह तीन मर्तबा रब्बिग फिरली पढ़ सकते हैं बहरहाल तो आईये दुआ ए क़ुनूत को तर्जुमा के साथ पढ़ें।

दुआ ए क़ुनूत

अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तअईनुका व नस्तग़फिरुका व नु'मिनु बिका व नतवक्कलु अलैका व नुस्नी अलैकल खैर व नश्कुरुका व ला नक्फुरुका व नख्लउ व नतरुकु मन यफ्जुरुक। अल्लाहुम्मा इय्याका नअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नसआ व नहफिदु व नर्जू रहमतका व नख्शा अज़ाबका इन्ना अज़ाबका बिल कुफ्फारि मुल्हिक।

तर्जुमा: ऐ अल्लाह हम तुझ से मदद मांगते हैं। और मग़फ़िरत तलब करते हैं। और तेरे ऊपर ईमान लाते हैं और तेरे ऊपर भरोसा रखते हैं। और तेरी तारीफ़ करते हैं। और तेरा शुक्र अदा करते हैं। और नाशुकरी नहीं करते। और अलग कर देते और छोड़ देते हैं। उस शख़्स को जो तेरी ना-फ़रमानी करे। ऐ अल्लाह हम तेरी ही इबादत करते हैं। और ख़ास तेरे लिए नमाज़ पढ़ते और सज्दा करते हैं। और तेरी ही जानिब दौड़ते हैं। और तेरी ही रहमत की उम्मीद रखते हैं। और तेरे अज़ाब से डरते हैं। तेरा अज़ाब काफ़िरों को पहुँचने वाला है।

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपने अत्तहिय्यात दरूद इब्राहीमी और दुआ पढ़ी हिंदी में तर्जुमा के साथ तो आपको इससे आपको ज़रूर फायेदा हुआ होगा और आपके इल्म में जानकारी में भी इज़ाफा हुआ होगा।

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